एक बार की बात है। एक छोटी सी बच्ची नाम रिया गांव में रहती थी। वह बहुत ही मस्तिष्कों वाली थी। एक दिन वह जंगल में चली गई। वहाँ पर वह एक जादुई परी से मिली।
जादुई परी रिया से कहती है, 'नमस्ते रिया, मैं हूँ जादुई परी! तुम्हारी क्या ख्वाहिश है?' रिया खुश हो जाती है और कहती है, 'मुझे भाषा सिखाओ!' जादुई परी हंसती है और कहती है, 'ठीक है! मैं तुम्हें जानवरों की भाषा सिखाती हूँ।'
रिया और जादुई परी में अच्छी दोस्ती हो जाती है। एक और दिन, जब रिया को दुखी देखती है, जादुई परी पूछती है, 'तुम उदास क्यों हो, रिया?' रिया गम्भीर होकर कहती है, 'मेरे पास एक मुर्गा है, पर वह बहुत डरावना है।' जादुई परी उसकी मदद करने के लिए हँसती है और कहती है, 'चिंता मत करो, मैं उसे दोस्त बना दूँगी!'
अगले दिन सुबह, जब रिया उठती है, वह देखती है कि उसका मुर्गा बहुत प्यारा और खुश नजर आ रहा है। जादुई परी समझती है, रिया को मुर्गे से बहुत प्यार हो गया है। उसे बहुत खुशी होती है। उसे यह अहसास होता है कि दोस्ती और प्यार हमेशा अच्छा होता है।
फिर से सोने के बाद, जब रिया अपनी आँखें खोलती है, वह देखती है कि जादुई परी लगभग हरीभरी साड़ी पहनी हुई है और वीरता और खुशी से भरी हुई है। रिया उसे पुछती है, 'तुम कहाँ जा रही हो?' जादुई परी मुस्कराती है और जवाब देती है, 'अब मैं और जादुई परियों की मदद करूँगी।'
और यही थी रिया और जादुई परी की कहानी, जो हमें यह बताती है कि दोस्ती और प्यार हमेशा हमारे जीवन में खुशहाली लाते हैं। अगर हम सच्ची दोस्ती करेंगे और प्यार से बातें करेंगे, तो हम हमेशा खुश और समर्पित महसूस करेंगे।
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