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Bedtime Story

एक बैठक कहानी (Bedtime Story): बहुत समय पहले की बात है, एक समय की बात है। एक दिन, एक खूबसूरत मक्खी और एक श्रद्धालु मुर्गा मित्र बन गए। मित्रता की यह कहानी हमारे नंदीता नामक आठवीं कक्षा के लड़के के लिए है।

एक बैठक कहानी (Bedtime Story): बहुत समय पहले की बात है, एक समय की बात है। एक दिन, एक खूबसूरत मक्खी और एक श्रद्धालु मुर्गा मित्र बन गए। मित्रता की यह कहानी हमारे नंदीता नामक आठवीं कक्षा के लड़के के लिए है।

एक दिन था, रोज की तरह मक्खी ने धीरे-धीरे पानी में खींचाखींचा चित्र बनाना शुरू किया। वह बहुत प्यार से और संतुष्टि के साथ पानी के मध्यम से हरा-नीला रंग उछल-कूद कर प्रकट कर रही थी। लेकिन अचानक, अच्छे से सोचे बिना उसका निशाना मोर पक्षी ने खींचाखींचा चित्र सबके सामने तोड़ दिया। मक्खी बहुत ही दुखी हो गई। उसे ऐसा लग रहा था मानो सबका अपमान हो गया हो। यह सोचकर उसने की उड़ान लेना बंद कर दी और विचार करने लगी कि उसे क्या करना चाहिए। उसे दूसरे काम की तलाश थी जिसे वह कर सके, या फिर खुद को धुनाई से नित्य वा नहीं छोड़ने का ऐलान करना चाहिए।

एक दिन था, रोज की तरह मक्खी ने धीरे-धीरे पानी में खींचाखींचा चित्र बनाना शुरू किया। वह बहुत प्यार से और संतुष्टि के साथ पानी के मध्यम से हरा-नीला रंग उछल-कूद कर प्रकट कर रही थी। लेकिन अचानक, अच्छे से सोचे बिना उसका निशाना मोर पक्षी ने खींचाखींचा चित्र सबके सामने तोड़ दिया। मक्खी बहुत ही दुखी हो गई। उसे ऐसा लग रहा था मानो सबका अपमान हो गया हो। यह सोचकर उसने की उड़ान लेना बंद कर दी और विचार करने लगी कि उसे क्या करना चाहिए। उसे दूसरे काम की तलाश थी जिसे वह कर सके, या फिर खुद को धुनाई से नित्य वा नहीं छोड़ने का ऐलान करना चाहिए।

इस हालत में ही एक घर्मीले और धूपीले दिन में मधुमक्खी बहुत चिंतित हो रही थी कि अचानक उसके सामने एक सुंदर गिरिधारी, सफ़ेद रंग की मुर्गा आई और उसके पास बैठती है। मुर्गा समझती है कि मक्खी बुरा महसूस कर रही है इसलिए उससे कहा, "तुम खुद को ऐसी स्थिति में पाकर क्यों रो रही हो दोस्त? यदि तुम कुछ करना चाहती हो, तो कहीं और काम में लग जाओ।"

इस हालत में ही एक घर्मीले और धूपीले दिन में मधुमक्खी बहुत चिंतित हो रही थी कि अचानक उसके सामने एक सुंदर गिरिधारी, सफ़ेद रंग की मुर्गा आई और उसके पास बैठती है। मुर्गा समझती है कि मक्खी बुरा महसूस कर रही है इसलिए उससे कहा, "तुम खुद को ऐसी स्थिति में पाकर क्यों रो रही हो दोस्त? यदि तुम कुछ करना चाहती हो, तो कहीं और काम में लग जाओ।"

मक्खी धीरे-धीरे कथा सुनाने लगी, "मैं खुद को निष्‍ठावान और कार्यमयी मक्खी के रूप में देखना चाहती थी लेकिन एक मोर के द्वारा मेरा काम तोड़ दिया गया है।" मुर्गा मुस्कराती हुई कहती है, "दोस्त, तुमने सही फैसला लिया है। जीने का मतलब हर बार पहले से आपके मतवाले मंत्रों को खोजना नहीं होता। हम सब गलतियाँ करते हैं, लेकिन सबसे बड़ी गलती उसी के बारे में परेशान होना होती है, जिसे हम नहीं सुधार सकते। इसलिए, हमें आगे बढ़ते हुए दिखना चाहिए और नए मित्र बनाने का प्रयास करना चाहिए।"

मक्खी धीरे-धीरे कथा सुनाने लगी, "मैं खुद को निष्‍ठावान और कार्यमयी मक्खी के रूप में देखना चाहती थी लेकिन एक मोर के द्वारा मेरा काम तोड़ दिया गया है।" मुर्गा मुस्कराती हुई कहती है, "दोस्त, तुमने सही फैसला लिया है। जीने का मतलब हर बार पहले से आपके मतवाले मंत्रों को खोजना नहीं होता। हम सब गलतियाँ करते हैं, लेकिन सबसे बड़ी गलती उसी के बारे में परेशान होना होती है, जिसे हम नहीं सुधार सकते। इसलिए, हमें आगे बढ़ते हुए दिखना चाहिए और नए मित्र बनाने का प्रयास करना चाहिए।"

मुर्गी द्वारा कही गई इन पक्षों की सच्चाई को समझकर मक्खी बहुत खुश हो गई। उसने मुर्गी के पंखों से बने पत्ते पर बैठा और मुर्गी का धन्यवाद कहा। दोनों ही बहुत खुश हुए और वह दिन समय बिताने में लग गया। वे दोस्त बने और साथ मिलकर दिनभर मजेदार चर्चा करते रहे। यह कहानी बताने के बाद, नंदीता बहुत खुश और प्ररणादायक महसूस करता है। उसे समझ आ जाता है कि मित्रता सबसे महत्वपूर्ण है और हमेशा दूसरों के साथ मेहरबान रहना चाहिए। बेहतरीन मित्रता और सहयोग हमेशा सुख-शांति एवं सफलता का कारण बनता है।

मुर्गी द्वारा कही गई इन पक्षों की सच्चाई को समझकर मक्खी बहुत खुश हो गई। उसने मुर्गी के पंखों से बने पत्ते पर बैठा और मुर्गी का धन्यवाद कहा। दोनों ही बहुत खुश हुए और वह दिन समय बिताने में लग गया। वे दोस्त बने और साथ मिलकर दिनभर मजेदार चर्चा करते रहे। यह कहानी बताने के बाद, नंदीता बहुत खुश और प्ररणादायक महसूस करता है। उसे समझ आ जाता है कि मित्रता सबसे महत्वपूर्ण है और हमेशा दूसरों के साथ मेहरबान रहना चाहिए। बेहतरीन मित्रता और सहयोग हमेशा सुख-शांति एवं सफलता का कारण बनता है।

तमसो मा ज्योतिर्गमय (तारक मंत्र से ज्योतिर्ज्ञान की ओर प्रवृत्ति करो)। (Translation: Darkness to Light)

तमसो मा ज्योतिर्गमय (तारक मंत्र से ज्योतिर्ज्ञान की ओर प्रवृत्ति करो)। (Translation: Darkness to Light)

Reflection Questions

  • What lesson can be learned from this story?
  • How did the friendship between the fly and the rooster develop?
  • Why did the fly feel sad and what helped her feel better?

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