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एक समय की बात है। एक प्यारी सी परिवार था, जिसमें पिता का नाम नीलकंठ था, माँ का नाम पूनम था और बच्चों का नाम सिमरन और काकू था। ये सभी बहुत प्यारे और मस्तिष्कवाले थे। वे सभी एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमेशा एक साथ खुश रहना चाहते थे। पिता नीलकंठ थोड़े बीमार रहते थे, इसलिए उन्हें अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी था। पूनम उनकी सेवा करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी, वह उनकी आदतों को जानती थी और इसलिए उनकी देखभाल करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी।
एक दिन, बच्चों ने सोचा कि उनके पास पिताजी के लिए कुछ प्यारी सी कहानी होनी चाहिए, जिसे सुनकर उनकी नींद अच्छी आएगी। इसलिए वे सभी नीलकंठ के पास चले गए और उनसे एक जबरदस्त नींद लाने वाली कहानी सुनने के लिए बोले। पिता नीलकंठ मुस्कराए और बच्चों को आगे बुलाए। उन्होंने एक अत्यंत प्यारी कहानी सुनानी शुरू की।
वह कहानी ऐसी थी - एक समय की बात है, बताऊँ कहानी वह मेरे बचपन की। इस कहानी में एक पिता और एक बेटी थी। उनके नाम पापा नीलकंठ और बेटी सिमरन थे। पापा नीलकंठ बहुत ही समझदार और दयालु थे।
एक बार, पापा नीलकंठ और सिमरन ने एक खेल खेलना शुरू किया। यह खेल ऐसा था कि पापा नीलकंठ और सिमरन एक दौड़ में थे, और जिसे सबसे पहले छू लेता, वही जितने लगेगा। पापा नीलकंठ बखूबी जानते थे कि सिमरन भागने में कितनी तेज थीं, इसलिए उन्होंने एक अद्भुत योजना बनाई। उन्होंने सिमरन से कहा कि वे अपनी दौड़ के बीच में एक छोटा सा जंगल उगा देंगे। सिमरन हंसती हुई बोली, "पापा, हम एक जंगल कैसे उगा सकते हैं?"
पापा नीलकंठ मुस्कुराए और बोले, "ओह, आप बस ध्यान दें।" धीरे-धीरे, पिता और बेटी दौड़ना शुरू कर दिया। गिनती के निशानों के साथ, सिमरन खुद को जंगल में पहुंचते हुए पायी गयी, और उससे मिला बहुत सारा आनंद। वहां पर मनोहारी पेड़-पौधों की खुशबू झूम रही थी और पक्षियों की अद्भुत गर्दनी उचट रही थी। सिमरन को जंगल में खेलना अच्छा लगा और उसे खुद को अद्वितीय महसूस हो रहा था।
जब पिता नीलकंठ उसे देख रहे थे, तो उन्हें बहुत खुशी मिली। उन्होंने देखा कि उनकी योजना काम कर रही है और उनकी बेटी बहुत खुश है। यह उन्हें अत्यंत प्रसन्नता दे रहा था। इस खेल के बाद, सिमरन पापा नीलकंठ के पैरों में गिर पड़ी, और एक बड़े स्नेहपूर्ण आलिंगन के साथ बोली, "पापा, आप सबसे अच्छे हैं। आपने मुझे अपने साथ खेलने का यह खेल दिया और मुझे खुश किया, धन्यवाद।"
पापा नीलकंठ धीरे-धीरे सिमरन को गोदी में लेकर बोले, "मेरी प्यारी सिमरन, तू मेरी जान है और मैं तेरा बहुत प्यार करता हूँ। मुझे खुश देखकर तू मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है।" यह सुनकर बच्चों की आंखों में आंसू आ गए। वे सभी खुश थे कि इनका परिवार एक-दूसरे से इतना प्यार करता है और एक साथ खुश रहना चाहता है।
ऐसे ही, बच्चों और उनके पिता के बीच खुशहाली अक्सर बरकरार रहती है। और अब आप सो जाइए, और सपनों की दुनिया में खो जाइए। धीरे-धीरे सोते हुए बच्चों ने मम्मी पूनम को भी देखा, और वह मम्मी ने भी एक प्यारी सी मुस्कान देते हुए उनके पास आई। जैसे ही शव्द घटा, उन्हें गहरी नींद आ गई, और सभी खुश और सुकून भर दिल से सो गये।
अच्छे रात्रि, अच्छे सपने और विचारों से भरी जीवन जीने के बाद, सभी सपना वाकई सच हो जाता है। धन्यवाद, और अच्छी रात्रि।
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