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बहुत समय पहले की बात है, एक राजा और एक रानी थी। वे बहुत प्यार से रहते थे और उनका एक प्यारा सा बेटा था। राजकुमार बहुत चालाक और मस्तिष्कशिल था। एक दिन, राजकुमार अचानक बीमार पड़ गया। राजा और रानी बहुत चिंतित हुए। वे तत्परता से उसकी सेवा करने में लग गए। डॉक्टर को बुलाया और उनसे उपचार की बात की। लेकिन चिंता का दिन रात था। परिवार को लगा की राजकुमार ठीक हो जायेगा।
रानी राजकुमार के पास बैठी और उसे एक खास बेड़ पर सुलाने लगी। राजा रोज़ उससे मिलने गए और उसे प्यार से बातें करते थे। वे उसे बताते थे की उसका खोया हुआ आदमी जब ढूंढे तब राजकुमार खोज उठेगा। लगभग एक हफ्ते तक, हर रोज़ राजकुमार को दिन भर काम धंधा करना पड़ता था। उसे गांव के चारों ओर ढूंढना था। उसे आदमी का चेहरा ही याद नहीं था लेकिन वह निरंतर सोचता रहा - 'मैं इस आदमी को खोज लूंगा।'
आखिरकार एक दिन, राजकुमार गांव की बाजार में एक नया आदमी देखा। उसका मन बोला - 'शायद यही वह आदमी है!' उसने धीरे से अप्रत्याशित आदमी के पास जाकर पूछा, "क्या आप वह आदमी है जिसका मुझे खोज रहा था मेरे पापा?" आदमी चेहरे पर हंसी ले आये और बोले, "हाँ, मैं ही वह आदमी हूँ जिसको तुम्हे ढूंढ़ रहे थे।" राजकुमार के चेहरे पर हंसी आ गई और वह बिल्कुल खुश हो गया। राजा रानी ब्रह्मांड के सभी देशों को बताने निकले की उनका राजकुमार विराट भारत में एक खोई हुई वस्त्र ढूँढ़ने वाले आदमी को ढूंढ़ लिया है। सभी लोग उनकी सहायता करना चाहते थे और वह बहुत खुश थे।
तो दोस्तों, यह कहानी है एक राजकुमार की जो धैर्य और सब्र से खोये हुए वस्त्र की तलाश में निरंतर कोशिश करता रहा। इस कहानी के माध्यम से बच्चे धैर्य के बारे में सीखेंगे और साथ ही साथ ये आवाजाहीये शब्द भी सीखेंगे: राजा, रानी, राजकुमार, बीमार, डॉक्टर, सेवा, बेड़, प्यार, चालाक, और, परिवार, आदमी, खोया हुआ, आशा करते हैं आपको यह कहानी पसंद आई होगी और आपने इन सभी स्नेहशील शब्दों को अच्छे से समझ लिया होगा।
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