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एक समय की बात है, एक राजा था। उसके तीन बेटे थे - नील, नितीन और मुकेश। उन्होंने सपना देखा कि राज्य को खतरे से बचाने के लिए उन्हें हिमालय जाना पड़ेगा। उन्होंने अपने पिता से पूछा और उसने उन्हें 3 पहेलियाँ सुलझाईं।
पहेली पहली - 'जीने के लिए जन्म लेते हैं, बस इक साधारण स्थान के लिए रहते हैं।' हाँ तो राजा और तीनों के बेटे को क्या करना चाहिए?
दूसरी पहेली - 'एक मौसम लेते दूसरा विभाग देते। कोई सोराज के लिए अच्छा है, कोई चाँद के लिए।' तो राजा और बच्चों को क्या करना चाहिए?
तीसरी पहेली - 'एक सोच लेते तो दूसरे नहीं पकड़ सकते।' क्या राजा को कैसे पता चलेगा कि उन्होंने सही सोची है?
राजा ने देखा कि उनके दो बेटे सही उत्तर दे रहे हैं। पहेली 1 के अनुसार वे एक साधारण स्थान धूंध रहे हैं और पहेली 2 के अनुसार उन्हें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। राजा का ध्यान पकड़ गया और उन्होंने दूसरे बेटे को हीमालय का सही रास्ता बताया। सब राजकुमार आपस में मिलकर राज्य को बचाने के लिए काम करते हैं और राजा को भी जान की परवाह नहीं रही।
इस कहानी से हमें क्या मिलता है? पहेलियों को सुलझाने के लिए एक-दूसरे की मदद करना जरूरी है। जब हम एक दूसरे की मदद करते हैं और एक-दूसरे का सहारा लेते हैं, तो हम मुश्किल परेशानियाँ आसानी से सुलझा सकते हैं।
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